इस दिल की धड़कन हो तुम मेरे हमसफ़र हो तुम हाँ मेरे हो तुम। इस दिल की धड़कन हो तुम मेरे हमसफ़र हो तुम हाँ मेरे हो तुम।
मोहब्बत फ़रमाई होगी, वो मुजस्समा-ए-इश्क़ लगती हो तुम। मोहब्बत फ़रमाई होगी, वो मुजस्समा-ए-इश्क़ लगती हो तुम।
नज़र मिलाने और चुराने से शुरु होने वाले प्यार को बंया करती है ये कविता नज़र मिलाने और चुराने से शुरु होने वाले प्यार को बंया करती है ये कविता
यारो वो धोखेबाज़ नहीं बस जरा जज़्बाती है। यारो वो धोखेबाज़ नहीं बस जरा जज़्बाती है।
क्योंकि मेरी ज़िंदगी की किताब के हर पन्ने पर लिखा है उसी के बारे में। क्योंकि मेरी ज़िंदगी की किताब के हर पन्ने पर लिखा है उसी के बारे में।
लबों पर हलकी सी मुस्कान रखकर सो जाना खवाब बन गया हैं ! लबों पर हलकी सी मुस्कान रखकर सो जाना खवाब बन गया हैं !